परिवार में झगड़ा होना एक सामान्य घटना है, लेकिन इसे समय रहते सुलझाना आवश्यक होता है ताकि परिवार का माहौल सुखद और शांतीपूर्ण बना रहे।परिवार में झगड़ा कई कारणों से उत्पन्न हो सकता है। जहाँ पर अलग-अलग व्यक्तित्व, विचारधाराएँ, और भावनाएँ एकत्रित होती हैं, और इनकी टकराहट अक्सर झगड़े का कारण बन सकती है। इस पोस्ट में जानेंगे कि परिवार में झगड़ा क्यों होते है? और होने के कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
परिवार में कलह के कारण
1. संचार की कमी (Lack of Communication)
बातचीत की कमी या गलतफहमी अक्सर परिवार में झगड़े का मुख्य कारण होती है। जब परिवार के सदस्य एक-दूसरे के साथ अपने विचार, भावनाएं, और आवश्यकताएं स्पष्ट रूप से नहीं बोल पाते या साझा नहीं करते हैं, तो झगड़े का जन्म होता है।खुलकर बात करने से कई समस्याओं का समाधान हो जाता है, उदाहरण के लिए, मान लिजिए किसी परिवार के सदस्य का किसी बात या झगड़े को लेकर नाराजगी या दुख है तो आमतौर पर देखा जाता है कि आपस में बातचीत ही एकदम बन्द हो जाती है, जिससे तनाव और टकराहट बढ़ती जाती है. इसका समाधान यह है कि आपस में बातचीत कभी भी बंद नहीं होनी चाहिए, एक शांतीपूर्ण बातचीत होनी चाहिए जिससे तनाव को ख़त्म किया जा सके।
2. आर्थिक समस्याएँ (Financial Problems)
पैसे और ज़मीन के मुद्दे पर अक्सर परिवारों में तनाव और झगड़े होते रहते हैं। उदाहरण के लिए, जिस प्रकार यदि एक सदस्य अधिक खर्च करता है जबकि दूसरा बचत पर ध्यान केंद्रित करके ज़्यादा समझदारी दिखाता है, तो यह झगड़ा या तनाव का कारण बन सकता है। उसी प्रकार ज़मीन के बँटवारे में छोटी-छोटी चलाकियां अधिक झगड़े का कारण बन सकता है।
3. पीढ़ी का अंतर (Generation Gap)
विभिन्न पीढ़ियों के बीच विचारों और जीवनशैली के बीच मतभेद स्वाभाविक होता है। बूढ़े लोग अपने समय की परंपराओं और मान्यताओं को महत्व देते हैं, जबकि युवा लोग नए विचारों और तकनीकों को अपनाने के पक्ष में होते हैं। यह पीढ़ी का अंतर भी झगड़े का कारण बन सकता है।उदाहरण के लिए, किसी बात पर बुजुर्ग और युवा के विचारों के बीच में सहमति नहीं बन पाती । तो वहाँ पर तनाव हो सकताहै
जिस परिवार में एक कल्चर होता है कि सब की बात को सुनेंगे , जिसकी बात सबसे उत्तम और उपयोगी होगी उसी की मानी जाएगी तर्क के अनुसार वह परिवार में इस प्रकार के झगड़े कभी नहीं होते है।
4. पारिवारिक भूमिकाएं और जिम्मेदारियां
परिवार के भीतर जिम्मेदारियों का असमान वितरण भी झगड़े का कारण बन सकता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी सदस्य को लगता है कि वे परिवार के कामों का भार अकेले उठा रहे हैं, जबकि अन्य सदस्य पर्याप्त योगदान नहीं दे रहे हैं, तो इससे नाराजगी उत्पन्न हो सकती है। यह विशेष रूप से बच्चों की देखभाल, घर के काम, और पैसे जिम्मेदारियों के मामले में प्रकट हो सकता है।
5. भावनात्मक मुद्दे (Emotional Issues)
परिवार के सदस्यों के बीच भावनात्मक मुद्दे भी झगड़े का कारण बन सकते हैं। उदाहरण के लिए – जलन, ईर्ष्या जैसी भावनाएँ लोगों को एक-दूसरे के खिलाफ कर देती हैं। कभी-कभी, पुराने विवाद और न सुलझे मुद्दे भी तनाव का कारण बनते हैं।
6. व्यक्तिगत मतभेद (Personal Differences)
हर व्यक्ति का व्यक्तित्व, विचार, सोच और रुचियाँ अलग-अलग होती हैं।जब ये मतभेद आपसी समझ और सहनशीलता से नहीं सुलझाए जाते, तो विवाद हो सकता है। और झगड़े का कारण बन सकता हैं। जब लोग एक-दूसरे के विचारों और भावनाओं का सम्मान नहीं करते, तो निश्चित रुप से विवाद उत्पन्न हो सकता है।
7. समय की कमी (Lack of Time)
आज के समय में आधुनिक जीवन की व्यस्तता के कारण, परिवार के सदस्यों के पास एक-दूसरे के लिए समय नहीं होता है। एक साथ समय बिताने की कमी से भी रिश्तों में दरार आ सकती है और झगड़े उत्पन्न हो सकते हैं।जब परिवार के सदस्य एक-दूसरे के साथ अपने विचार, और आवश्यकताएं स्पष्ट रूप से साझा नहीं करते हैं, तो झगड़े का जन्म होता है
8. बच्चों की परवरिश (Child Rearing)
आजकल बच्चों की परवरिश को लेकर माता-पिता के बीच मतभेद भी झगड़े का कारण बन सकते हैं। माता-पिता के बीच बच्चों के अनुशासन, शिक्षा, और गतिविधियों को लेकर मतभेद उत्पन्न हो सकते हैं, टकराव को जन्म दे सकती है।
9. परिवार के बाहरी हस्तक्षेप (External Interference)
कभी-कभी, बाहरी हस्तक्षेप जैसे कि दोस्तों, रिश्तेदारों, या समाज के दबाव के कारण भी परिवार में झगड़े हो सकते हैं। बाहरी लोगों की राय और सुझाव परिवार के सदस्यों के बीच तनाव उत्पन्न कर सकते हैं।
10. अतीत के विवाद (Past Conflicts)
पुरानी घटनाएँ और गिले-शिकवे में हुए विवाद और अनसुलझे मुद्दे भी वर्तमान में झगड़े का कारण बन सकते हैं। जब लोग पुराने मुद्दों को भुला नहीं पाते और उन्हें बार-बार उठाते हैं, तो यह वर्तमान में भी टकराव का कारण बन सकता है।
परिवार में झगड़े के प्रभाव (Consequences of Conflicts)
1. मानसिक तनाव-
परिवार में झगड़े के कारण मानसिक तनाव उत्पन्न होता है। और लगातार झगड़े से परिवार के व्यक्तियों में चिंता और आत्मविश्वास की कमी हो जाती है। और पूरे परिवार का माहौल नकारात्मक हो जाता है।
2. संबंधों में दरार
लगातार झगड़ों से परिवार के सदस्यों के बीच संबंधों में दरार आ सकती है। विश्वास और सम्मान की कमी से रिश्ते कमजोर हो सकते हैं, और अंततः, परिवार के सदस्य एक-दूसरे से दूर हो सकते हैं।
3. स्वास्थ्य पर प्रभाव
परिवार में लगातार झगड़े शारीरिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाल सकता हैं। जिसके कारण चिंता, डिप्रेशन , , उच्च रक्तचाप, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
4. आर्थिक प्रभाव
झगड़ों के कारण आर्थिक स्थिरता भी प्रभावित हो सकती है। तनाव और असहमति के कारण कार्यस्थल पर प्रदर्शन में कमी आ सकती है, जिससे आय में कमी हो सकती है।
5. बच्चों पर प्रभाव
परिवार में झगड़ों का बच्चों पर गहरा प्रभाव पड़ता है।घर का माहौल नकारात्मक हो जाता है। और झगड़े का प्रभाव बच्चों पर भी पड़ता है, जिससे उनकी मानसिक और भावनात्मक विकास में बाधा आ सकती है। जिसके कारण वे अवसाद, चिंता, और व्यवहारिक समस्याओं का शिकार हो सकते हैं। इसके अलावा, बच्चों में सामाजिक कौशल और शैक्षिक प्रदर्शन में भी कमी आ सकती है।
परिवार में एकता के उपाय झगड़े का समाधान (Resolution of Conflicts)
परिवार में झगड़े को सुलझाने के लिए संचार महत्वपूर्ण है।
- संचार में सुधार: परिवार के सभी सदस्यों को एक-दूसरे के साथ खुलकर बात करनी चाहिए और अपनी भावनाओं को साझा करना चाहिए।खुलकर बात करना, एक-दूसरे की भावनाओं और विचारों को समझना, और समस्याओं का समाधान मिलकर करना आवश्यक है।यदि परिवार के सदस्य आपस में खुलकर बात नहीं करते हैं या एक-दूसरे की बातों को समझने की कोशिश नहीं करते हैं, तो इससे गलतफहमियाँ पैदा हो सकती हैं।
- समय की प्रबंधन: परिवार के सभी सदस्यों को एक साथ समय बिताने का प्रयास करना चाहिए।